घायल हुए हम और तुम

सिंगुर हो
या नंदीग्राम

या कहीं और 
कहीं नही लड़ी गई
तुम्हारी - हमारी लड़ाई
हर जगह
उन्होंने लड़ी
सिर्फ अपनी साख की लड़ाई
वोट की लड़ाई
घायल हुए
हम और तुम
और जीत हुई उनकी
क्या तुम इसे
अपनी लड़ाई मानते हो
अपनी जीत मानते हो ?
चुनावों के बाद
दिखेगा इनका असली चेहरा
वे फिर पैंतरा बदलेंगे
हमें फिर लड़ना पड़ेगा
अपनी जमीन के लिए

हमारे नाम पर लड़ी गई
हर लड़ाई 
उनकी खुद की ज़मीन 
बचाने की लड़ाई थी 
और --
हर लड़ाई में 
उनकी जमीन बनती गई 
और हम ज़मीन हारते गए 
हम वहीं रह गये 
जहाँ से शुरू किया था हमने 
यह जंग 
बानर कब गिने गये 
योद्धाओं में 
लंका की लड़ाई में 
जीत तो केवल राम की हुई //

Comments

  1. vaah! baanar kab gine gaye yoddhaon me lanka ki ladaayi me jeet to keval raam ki hui......! kitna sach hai!!
    is kavita se apki sanvedansheelta jhalak rahi hai.badhai sweekaren ek behtreen rachna k liye.

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  2. यह तो हमेशा से ही होता आया है ...लाखों की मौत ...और एक इंसान की फ़तेह !!!!...यही आज भी हो रहा है ...यह एक शाश्वत सच है , जो किसी युग में नहीं बदला ...और न बदलेगा !!!!

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  3. हम केवल बावन पत्ते हैं
    पीसे जाते हैं हर बार
    और फेंक दिए जाते हैं
    हम चाहे बादशाह हों या गुलाम
    इक्का हों या जोकर
    हम उनके खेलने के काम आते हैं

    ReplyDelete

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